एडवोकेट सागर शर्मा: गरीबों के लिए काम करने वाले, भ्रष्टाचार के खिलाफ़ योद्धा और ज्ञान के बांटने वाले

ग्रेटर नोएडा, तारीख: ग्रेटर नोएडा के छोटे से गांव बिसरख में एक ऐसा व्यक्ति ने अपने सामाजिक कार्यों से अपने नाम को चमकाया है, जो गरीबों के लिए काम करते हैं और भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस व्यक्ति का नाम है एडवोकेट सागर शर्मा, जिन्हें लोग प्यार से “सागर रावण” के नाम से भी जानते हैं, क्योंकि वे अपने जांबाज़ी से न्याय की लड़ाई में हार्दिक समर्थन करते हैं। उन्होंने इसी दृष्टिकोन से शुरुआत की और आज उनके काम और संघर्ष से सामाजिक क्षेत्र में एक नया उजाला जगमगाने लगा है। इसके साथ ही, उन्होंने अपने दिजीटल क्षेत्र में ज्ञान और जागरूकता को बढ़ावा देने का भी संकल्प लिया है, जहां उन्होंने YouTube, Instagram, और उनकी वेबसाइट aapkiadalat.in का उपयोग किया।

सागर शर्मा की ऊंचाईयां:
बिसरख में जन्में और विकसित हुए एडवोकेट सागर शर्मा का समाजिक कार्यक्षेत्र में यही प्रारंभ हुआ। गांवीय जीवन की चुनौतियों के बीच उन्होंने गरीबों के दुखों का एहसास किया। उन्हें लगा कि वे एक ऐसे लक्ष्य की ओर मुड़ सकते हैं, जहां वे गरीबों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ सकते हैं। उनके शिक्षा के आधार पर, उन्होंने एक कानूनी डिग्री हासिल की और फिर एक वकील के रूप में अपना प्रोफेशन चुन लिया।
गरीबों के लिए एक किरदार:
अपने कानूनी करियर की शुरुआत से ही, एडवोकेट सागर शर्मा को समाजिक जिम्मेदारी का बड़ा महसूस हुआ। उन्हें लगा कि उनके ज्ञान और कौशल का सबसे अच्छा उपयोग उन्हें वोइसलेस लोगों के लिए किया जा सकता है, जो किसी भी तरह के गुणवत्ता वाले कानूनी प्रतिनिधि की खरीद नहीं कर सकते। इस मिशन के साथ, उन्होंने गरीब और संघर्षरत व्यक्तियों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करना शुरू किया।
- भ्रष्टाचार और असहाय गरीबों के संघर्ष को सामने रखते हुए ग्रेटर नोएडा के एक छोटे से गांव बिसरख से उत्पन्न हुए एडवोकेट सागर शर्मा का नाम लोगों के दिलों में राज कर रहा है। उन्हें उनके सामाजिक कार्यों के लिए प्रशंसा मिलती है, और वह गरीबों के लिए न्याय दिलाने के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। साथ ही, उनके अनचाहे भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका संघर्ष लोगों के बीच एक प्रेरणा स्रोत बन गया है।
गरीबों का दर्द, उनकी पहचान:
एडवोकेट सागर शर्मा का दिल गरीबों के लिए धड़क रहा था। उन्होंने अपने क्षेत्र के गरीबों के संघर्ष को देखा और उन्हें उनके अधिकारों की रक्षा करने की ज़रूरत समझी। उनके यहाँ आने वाले गरीब और बेहाल लोगों को न्याय मिले बिना उन्हें चलने का अधिकार देना एक अपराध होता था। उन्होंने विश्वास किया कि गरीबों के लिए न्याय मिलना उनकी मिशन है, और वे इस मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए पूरी तरह संकल्पबद्ध हुए।
भ्रष्टाचार के खिलाफ योद्धा:
सागर शर्मा ने सिर्फ गरीबों के साथ खड़ा होने के लिए ही अपनी पहचान तय की नहीं थी, बल्की उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ भी युद्ध का जंगला चुन लिया। भ्रष्टाचार ने उन्हें स्वयं के अधिकारों की हेरानीख़ीज़ की और उन्हें इस बुराई के खिलाफ लड़ने की ज़रूरत का एहसास कराया। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियानों को जारी रखा और लोगो की मदद करते आया रहे हैं